धौम्यनगरी के राजा धौम्य की बेटी राजकुमारी शिवांगनी पर कुदृष्टि डाली शैतान कंकालदेव ने परन्तु शिवांगनी की रक्षा के लिए मौजूद थे सप्तमुनी। सप्तमुनी की शक्तियों से खुद को विफल होता देख कंकालदेव ने जगाया धूम्रकाल को और उसने अपनी अद्भुत शक्तियों द्वारा कर लिया राजकुमारी शिवांगनी का अपहरण। राजकुमारी को बचाने के लिए सप्तमुनियों ने महायज्ञ द्वारा उत्पन्न किया सप्तशक्ति को। परन्तु वह भी रहा नाकाम, तब सप्तमुनियों ने आह्वाहन किया उसका जो कर सकता था इन शैतानी शक्तियों का सामना, तिलिस्मदेव।
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