शातुल्य नगर का राजा शातुल्य देव जिसने भगवान विष्णु की तपस्या कर पुत्र और पुत्री का वरदान माँगा। और वरदान स्वरुप मिले पुत्र शतबली और पुत्री महक को बड़े अरमान से पला। इधर नागलोक का घमंडी राजा नागदेव जिसे अपनी असीम बल और सात पत्नियों के रूप का बड़ा घमंड था महक की सुन्दरता का बखान सुनकर उसे अपनी रानी बनाने के लिए जबरन उठा लाया। और फिर जा टकराया भगवान विष्णु से और परिणाम स्वरुप उसे शाप मिला मृत्युलोक यानि पृथ्वी में जीवन बिताने का। पृथ्वी पर आकर उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और वो लग गया भगवान की तपस्या करने। फलस्वरूप उसे मिली असीम शक्तियां और उसने अपनी इन शक्तियों के बल पर मानवता की भलाई का बीड़ा उठाया और वो कहलाया तिलिस्मदेव।
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